ये सब इस नई वर्ष से शुरू होना है। ये सब इस नई वर्ष से शुरू होना है।
अपनी ही धुन में मग्न से हाँ सच में कितने अजीब है ये रास्ते। अपनी ही धुन में मग्न से हाँ सच में कितने अजीब है ये रास्ते।
तुझे लक्ष्य बना चल दिये हम, तेरे साथ में अनजान सफर पर। तुझे लक्ष्य बना चल दिये हम, तेरे साथ में अनजान सफर पर।
तभी मिलेगी मंजील भी, खुशियों की संजील भी। ए राही, बढ़ता चल तू। तभी मिलेगी मंजील भी, खुशियों की संजील भी। ए राही, बढ़ता चल तू।
फूलों की बात निकलेगी तो कांटों का ज़िक्र भी आयेगा। फूलों की बात निकलेगी तो कांटों का ज़िक्र भी आयेगा।
अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहें... अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहें...